स्नेह राणा ने भारत को पहली बार महिला विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई

Priyanshu pic - Monday, Nov 10, 2025
Last Updated on Nov 10, 2025 10:05 AM
Sneh Rana shines in India first Women World Cup win in Hindi

भारत की पहली महिला विश्व कप विजेता टीम की कहानी: स्नेह राणा और उनकी माँ की खुशी ने दिल जीत लिया

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 जीतकर इतिहास रच दिया है। यह जीत न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। ऑलराउंडर स्नेह राणा ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए इस ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई।

स्नेह राणा का प्रदर्शन - टीम की रीढ़ बना

स्नेह राणा ने विश्व कप 2025 में अपनी शानदार गेंदबाजी और ज़िम्मेदार बल्लेबाजी से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने 6 मैचों में 7 विकेट लिए और 6 पारियों में 49.50 की औसत से 99 रन बनाए। राणा का हर प्रदर्शन टीम इंडिया के लिए आत्मविश्वास का प्रतीक था - उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में टीम को संभाला और अपने हरफनमौला प्रदर्शन से भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।

माँ विमला राणा का गर्व और भावनाएँ

स्नेह राणा की माँ विमला राणा अपनी बेटी की उपलब्धि से बेहद खुश हैं। अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए उन्होंने कहा, "भारत की ऐतिहासिक जीत से हम बेहद खुश हैं। यह जीत आने वाली पीढ़ियों को देश के लिए और ज़्यादा जीत हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी।"

विमला राणा का मानना ​​है कि हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम का शानदार प्रदर्शन नई प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करेगा। यह जीत उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा का काम करेगी जो देश के लिए खेलने का सपना देखती हैं।

भारत ने रचा इतिहास

मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फ़ाइनल मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर विश्व कप ट्रॉफी पर कब्ज़ा किया। इस जीत के साथ ही भारत महिला क्रिकेट इतिहास की पहली विश्व चैंपियन बन गई।

अब तक यह ख़िताब मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पास रहा है। न्यूज़ीलैंड ने भी एक बार यह ट्रॉफी जीती है। इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड की तरह भारत ने भी अपने घर में यह उपलब्धि हासिल की है। ख़ास बात यह है कि भारत ने सेमीफ़ाइनल में सात बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई थी।

निया एक नया चैंपियन

भारत की इस जीत ने महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने अपने घर में विश्व कप जीता है। इस जीत ने न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि लाखों भारतीयों को गौरव का क्षण भी दिया है।

अगली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा

स्नेह राणा जैसी खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, समर्पण और संघर्ष की कहानी उन सभी युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा है जो भविष्य में भारत का नाम रोशन करना चाहते हैं। जैसा कि उनकी माँ ने कहा था।

“यह जीत सिर्फ़ एक ट्रॉफी नहीं है, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए आशा और साहस की एक मिसाल है।”

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